Best 80+ Ahmad Faraz Shayari in Hindi | अहमद फ़राज़ शायरी 2025
Ahmad Faraz Shayari in Hindi: शायरी की दुनिया में अहमद फ़राज़ का नाम एक ऐसा सितारा है जिसने मोहब्बत, जुदाई, तन्हाई और हुस्न-ओ-इश्क़ को अपने अनोखे अंदाज़ में बयान किया। उनकी शायरी में ना सिर्फ़ गहराई है बल्कि वह दिल की गहराइयों को छू लेने वाली सादगी और जज़्बात भी समेटे हुए है। फ़राज़ की ग़ज़लें और अशआर इंसानी जज़्बातों की सच्ची तस्वीर पेश करते हैं, चाहे वह मोहब्बत की ख़ुशबू हो या जुदाई का दर्द। उनकी पंक्तियाँ दिल को छूकर उसे सोचने पर मजबूर करती हैं और यही वजह है कि उनका नाम आज भी अदब की दुनिया में ज़िंदा है।
इस पोस्ट में हम आपके लिए अहमद फ़राज़ की चुनिंदा शायरी पेश कर रहे हैं, जो आपको मोहब्बत, जज़्बात और ज़िंदगी की हक़ीक़त से रूबरू कराएगी।
Ahmad Faraz Shayari
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिलें
जिस तरह सुखे हुए फुल किताबो में मिलें !!
अब और क्या किसी से मरासिम बधाए हम
ये भी बहुत है तुझ को अगर भूल जाईन हम !!
अभी तो जाग रहे हैं चरागा राहों के
अभी है दूर सहर थोड़ी दूर साथ चलो !!
आँख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा !!
अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़हम को तुझ से हैं उम्मीदें
ये आखिरी शमां भी बुझाने के लिए आ !!
Deep Meaning Ahmad Faraz Shayari in Hindi
अब तेरा ज़िक्र भी शायद ही ग़ज़ल में आये
और से और हुए दर्द के उन्वान जनन !!
आशिकी में 'मीर' जैसा ख्वाब मत देखा करो
बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो !!
अगरचे ज़ोर हवाओं ने दाल रक्खा है
मगर चरागाह ने लौ को संभाल रखा है !!
भरी बहार में एक शाख पर खिला है गुलाब
के जैसे तू ने हथेली पे गाल रखा है !!
आज हम डर पे खिंचे गाए जिन बातों पर
क्या अजब कल वो जमाने को निसाबों में मिलें !!
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Ahmad Faraz Shayari in Hindi
अब टायर ज़िक्र पे हम बात बदल देते हैं
कितनी रग़बत थी तेरे नाम से पहले पहले !!
अब दिल की तमन्ना है तो ऐ काश यही हो
आँसू की जगह आँख से हसरत निकल आये !!
ब-ज़हिर एक ही शब है फ़िराक़-ए-यार मगर
कोई गुजारने बैठे तो उमर सारी लागे !!
चरागर ने बहर-ए-तस्कीन रख दिया है दिल पे हाथ
मेहरबान है वो मगर ना-आश्ना-ए-ज़हम है !!
ऐसा है कि सब ख्वाब मुसलसल नहीं होते
जो आज तो होते हैं मगर कल नहीं होते !!
Ahmad Faraz Shayari 2 Lines
अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं
'फ़राज़' अब ज़रा लहजा बदल के देखते हैं !!
अक्ल हर बार दिखती थी जले हाथ अपने
दिल ने हर बार कहा आग पराई ले ले !!
अब तो ये आरज़ू है कि वो ज़हम खाइये
ता-ज़िंदगी ये दिल ना कोई आरज़ू करे !!
अगर तुम्हारी अना ही का है सवाल तो फिर
चलो मैं हाथ बढ़ाता हूं दोस्ती के लिए !!
अब उसे लोग समझते हैं गिरफ्तार मीरा
सख्त नदीम है मुझे दाम में लाने वाला !!
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Ahmad Faraz Shayari on Life
ज़िन्दगी क्या है, एक अधूरी सी तलाश
कभी ख़ुशी, कभी ग़म का मिला-जुला अहसास !!
हमने भी देखी है ज़िन्दगी की किताब
कुछ पन्ने रोशन थे, कुछ अँधेरे बेहिसाब !!
ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो
नश्शा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें !!
कभी जो मिल गया तो खोने का डर रहा
ज़िन्दगी हर वक़्त हमें आज़माती रही !!
टूटा तो हूँ मगर अभी बिखरा नहीं 'फ़राज़'
मेरे बदन पे जैसे शिकस्तों का जाल हो !!
Shayari Ahmad Faraz Shayari
ऐसी तारिकियाँ आँखों में बसी है 'फ़राज़'
रात तो रात है हम दिन को जलाते हैं चरागाह !!
बंदगी हम ने छोड़ दी है 'फ़राज़'
क्या करें लोग जब खुदा हो जाएं !!
देखा मुझे तो तर्क-ए-तल्लुक़ के बावज़ूद
वो मुस्कुरा दिया ये हुनर भी उसी का था !!
दिल का दुःख जाना तो दिल का मसला है पर हमें
उसका हंस देना हमारे हाल पर अच्छा लगा !!
चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का
तो आ गया है तुम्हारा ख्याल वैसे ही !!
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Faraz Ahmad Faraz Shayari
बहुत दिनों से नहीं है कुछ उसकी खैर खबर
चलो 'फ़राज़' को ऐ यार चल के देखते हैं !!
चुप-चाप अपनी आग में जलते रहो 'फ़राज़'
दुनिया तो अर्ज़-ए-हाल से बे-आबरू करे !!
बस इस सबब से कि तुझ पर बहुत भरोसा था
गइल न होन भी तो हैरानियां तो होती हैं !!
धुँध उजड़े हुए लोगो में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ḳहराबों में मिलें !!
चले थे यार बड़े ज़ोम में हवा की तरह
पलट के देखा तो बैथे हैं नक्श-ए-पा की तरह !!
Ahmad Faraz Shayari on Love
तेरी मुस्कान ही मेरी रूह की दवा है
तुझसे ही मेरी मोहब्बत की दास्ताँ है !!
और 'फ़राज़' चाहिए कितनी मोहब्बतें तुझे
माओं ने तेरे नाम पर बच्चों का नाम रख दिया !!
मैं क्या कहूँ के मुझे सब्र क्यूँ नहीं आता
मैं क्या करूँ के तुझे देखने की आदत है !!
तेरे इश्क़ ने ऐसा असर कर दिया
दिल को दर्द और लबों को ग़ज़ल कर दिया !!
गुफ़्तुगु अच्छी लगी ज़ौक-ए-नज़र अच्छा लगा
मुद्दतों के बाद कोई हमसफ़र अच्छा लगा !!
Ahmad Faraz Shayari on Beauty
तेरा हुस्न नहीं है बस आँखों की जादूगरी
ये रूह को भी महकाने की ताक़त रखता है !!
तेरे नैनों की मासूमियत ने कुछ ऐसा असर किया
दिल ने पहली बार इश्क़ पर यक़ीं किया !!
तेरी सूरत से ही होती है गुलाबों की रौनक
तेरे बिना इस जहाँ की हर चीज़ अधूरी लगती है !!
तेरे गालों की लाली से गुलाब शर्मा जाएँ
तेरे ज़िक्र पे महफ़िलों में सितारे झुक जाएँ !!
तेरे चेहरे पे ख़ुदा ने उतारी है नूर की बारिश
तेरी आँखों में समंदर की गहराई बसी है !!
Mohabbat Ahmad Faraz shayari in Hindi
माना के मोहब्बत का छुपाना है मोहब्बत
चुपके से किसी रोज़ जताने के लिए आ !!
तेरी मोहब्बत में ऐसा असर हो गया
मैं तेरा था और तेरा ही रह गया !!
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं !!
वो जिस घमंड से बिछड़ा गिला तो इस का है
कि सारी बात मोहब्बत में रख-रखाव की थी !!
इश्क़ वो आईना है फ़राज़, जो टूटे तो भी
हर टुकड़े में बस एक ही चेहरा नज़र आता है !!