अकड़ और घमंड शायरी किसी की औकात दिखाने वाली | Ghamand Shayari in Hindi

दोस्तों आज में आपके साथ कुछ अकड़ और घमंड शायरी साँझा करने जा रहा हु। अगर आप भी किसी को अकड़ दिखाया चाहते है तो इनका इस्तेमाल करे या फिर अगर किसी का घमंड तोडना है तो भी आप इनको इस्तेमाल कर सकते है।

अकड़ और घमंड में क्या अंतर क्या है

अकड़ का सीधा और सरल मतलब ये है की टूट जाऊंगा लेकिन झुकूंगा नहीं। घमंड का मतलब मुझे कोई झुका ही नहीं सकता।

अहंकार और घमंड शायरी

हमे अपने जीवन में कभी भी किसी बात का घमंड नहीं करना चाहिए। हमे सबसे साथ अच्छे से वाहवार करना चाहिए।

लोगो को दौलत और प्रसीदी पचती नहीं,
घमड़ में लज्दी आते है।

Akad Ghamand Shayari

पैसे आज है , कल नहीं,
घमंड टूटे में पल नहीं।

 

तोड़ेंगे गुरुर उनका ,
जो खुद को बादशाह समझ बैठे।

 

सत्ता की कुर्सी के लिए सर फुट गए ,
न जाने कितनो के दिल टूट गे।

 

घमंड मत कर अपनी जवानी का,
बुढ़ापा सह नहीं पायेगा बगानी का।

 

घमंड ना कर कुर्सी का,
यहाँ लोग तख्ता पलट देते है।

 

घमंड टूटेगा जरूर उनका,
दिख रहा है नसे का शुरुर उनका।

 

घमंड तोड़ने वाली शायरी,
चार पैसे का हो गये,
लोग अपनी ओकात भूल गए।

 

उनका गुरुर भी तोड़ना है,
पैसा सब कुछ नहीं होता पैसे से उनका मुँह तोडना है।

अकड़ पर शायरी

मुझे घमंड था की मेरे चाहने वाले बहुत है इस दुनिया में
बाद में पता चला की सब चाहते है अपनी ज़रूरत के लिए।

 

हां हूँ में घमंडी, क्योंकि मुझे गलत
लोगो की हाँ में हां मिलाना नहीं आता।

 

“ATTITUDE” जो कल था वो आज है,
ज़िन्दगी ऐसे जिया जैसे बाप का राज है।

 

घमंड के उजालों में कुछ इस कदर गुमनाम हुए,
मानो खुद के बनाए हुए बाज़ारों में नीलाम हुए।

 

मुकद्दर में जिनके बिखरना लिखा है,
अकड़कर वही आज चलने लगे हैं!

 

सब जानते है उसका घमंड एक दिन मिट जाएगा,
फिर भी लोग कहते है जो होगा देखा जाएगा।

 

तुम्हे बोहोत मौके दे चुकी हु मै,
अब मेरे चौके का इंतजार करो!

 

वक्त और किस्मत पर कभी भी,
घमंड मत करना साहब क्योंकि,
जब भी ये बदलते हैं तो हमारा,
सबकुछ बदल कर रख देता हैं।

 

हर रोज़ मुझे नया कहते हो,
और खुद घमंड में रहते हो।

 

हर एक इंसान इस घमंड में जी रहा हे की,
उसे किसी चीज़ का घमंड नहीं।

घमंड तोड़ने वाली ऐटिटूड शायरी

मत कर घमंड इतना अपने हसीन चहरे पर,
ये खूबसूरती बस पल दो पल के लिए है।

 

घमंड ना करना ज़िंदगी में तकदीर,
बदलती रहती हैं , शीशा वहीं रहता हैं,
बस तस्वीर बदलती रहती हैं।

 

जिन्हे ज्ञान हे उन्हें घमंड केसा,
जिनगी घमंड हे उन्हें ज्ञान केसा।

 

घमंड किसी का नहीं रहा, टूटने से पहले,
गुल्लक को भी यही लगता था की सरे पैसे उसके हे।

 

इंसान के पास दिमांग जितना काम होता है,
घमंड उतना ही ज्यादा होता है।

 

किस बात पर हम सब इतने घमंडी इतने अभिमानी हे,
बनकर मिट जाने की हम सब, एक छोटी सी कहानी हे।

 

घमंड करना बेवकूफ होने की सबसे बड़ी पहचान है।

 

घमंड में हस्तियाँ और तूफान में कश्तियाँ,
अक्सर डूब जाया करती हैं जनाब।

पैसो की अकड़ शायरी

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है,
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है।

 

शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है,
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है।

तो दोस्तों आपको यहाँ दी गयी शायरी कैसी लगी हमे कमेंट करके जरूर बताये और हमारे ब्लॉग को पढ़ते रहे और शायरियो के लिए।

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