यदि आपका कोई दुश्मन है और आप उसे कुछ जलाने वाली शायरी से चिढ़ाना चाहते हैं, या यदि किसी ने आपको परेशान किया है और आप अपना गुस्सा व्यक्त करना चाहते हैं, तो उन्हें चिढ़ाने और जलाने के लिए मैंने जो शायरी प्रदान की है उसे देखें।
दुश्मन को जलाने वाली शायरी
जीवन में कभी-कभी, हमारे पास ऐसे लोग हो सकते हैं जो हमें पसंद नहीं करते, भले ही हम चाहते हों कि वे हमें पसंद करें। जब ऐसा होता है, तो यह कहना मुश्किल होता है कि हम क्या महसूस कर रहे हैं। अपनी भावनाओं को साझा करने का एक तरीका, जैसे कि गुस्सा, दुश्मनी शायरी के माध्यम से है, जो उन भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करने का एक विशेष तरीका है।
इस लेख में, हम कुछ दुश्मनी शायरी साझा कर रहे हैं जो आपको उन कठिन भावनाओं को रचनात्मक तरीके से व्यक्त करने में मदद कर सकती हैं। आपको यह कहने के कुछ नए और दिलचस्प तरीके मिलेंगे कि आप क्या सोच रहे हैं!
गली के भोकने वाले आवारा कुत्तों,
और दुश्मनों पर हम ध्यान नहीं देते।
जब काटने की औकात ना हो
तो पागल कुत्ते की
तरह भोकना नही चाहिए!
जलने वाले दुश्मन हमारे बहोत है,
उनको जलाने का हमें भी शौक है।
जो कल मुझे मेरी औकात दिखा रहे थे,
आज वक़्त ने उन्हें उनकी औकात दिखा दी।
खुदा भी रो पड़े जब हुआ उसने देखा,
कैसे मैंने दुश्मन को मेरे आगे जलते हुए पाया।
दुश्मन की हर नजर में छुपा हूँ मैं उसके हाथों का रक्त,
जो उसे मेरे ख़िलाफ़ उतावला बना देता है।
जलते रहो दुश्मन मेरी मोहब्बत की चिंगारी में,
जब तक है जान हर बार उठेगा मेरा अस्तित्व,
नयी मंजिलों की तलाश में।
अक्सर बहादुरी की डींगे वही लोग मारा करते है,
जो कायर हमेशा झुंड में चला करते है।
दुश्मन के हर ग़म को खुदा की तरह दबा दिया है,
मैंने उसके दिल को इतनी गहराई से छुआ है।
मुझ पर जलने वाले दुश्मन, जल जल के कोयले हो गए
मुझ पे मरती है उनकी बहने, अब तो वो मेरे साले हो गए।
हमारी पीठ पर वार करने वाले,
हमारे दोस्त की नकाब में हमारे ही दुश्मन निकले।
कोई क्या खाक करेगा हमारा मुकाबला,
हमसे मुकाबला करने वाले राख हो गए है !
दुश्मन की हर खामोशी को बहुत अच्छे से समझता हूँ,
मैं उसके दिल की हर धड़कन में अपना असर छोड़ जाता हूँ।
श्मनी से तेरी वाकिफ हूं,
मत समझो नादान मुझे,
सारे राज जानता हूं तेरे,
आंख खोल पहचान मुझे।
जलने दे उन्हें मेरी ताकत से, मेरी मंजिलों से,
जब तक मैं हूँ, उसकी हर नींद उसके दुख से भरी रहेगी।
हम थोड़े खामोश क्या हुए,
तुम जैसे बच्चे भी शोर मचाने लगे।
ब्लेड की तेज धार से भी,
पेड़ एकदम गिर नहीं सकता,
दुश्मन लाख होशियार सही,
लेकिन मुझे नहीं हरा सकता।
दुश्मनों को जलाने वाली शायरी
इसी बात से लगा लेना मेरी हैसियत का अंदाज़ा,
वो लोग भी सलाम करते है मुझे, जिन्हें तू सलाम करता है।
कहना चाहता हूँ उनको जो करते है
मेरी बुराई पीठ पीछे बैठ कर कोने में,
संभल जाओ वक़्त है वरना
तुम्हारी उम्र निकल जाएगी सिर्फ रोने में।
जलने दे उन्हें मेरी चमकती राहों से,
दुश्मन की हर चाल में मैं हूँ उसकी बाहों में।
अगर हमे दोस्ती निभाना आती है
तो हम दुश्मनी निभाना भी जानते है।
जलने वाले दुश्मन हमारे बहोत है,
लेकिन उनको जलाने का हमे भी शौक है।
विरोधी को जलाने वाली शायरी
जलने दे उन्हें मेरे प्यार की आग में,
उसे पता चले कैसे उसने बिना मिट्टी के दिल बनाया था।
घर में रखी बंदूके फिर से उठानी होगी
कुछ लोग अपनी औकात भूल गए है
उन्हें उनकी औकात फिर से याद दिलानी होगी।
हमसे टक्कर लेने के ख्वाब मत देख
जिस दिन टक्कर होगी, तेरी हस्ती मिटा देंगे।
दुश्मन की नजरों से न डर, मेरे दोस्त,
मैं तो उसके हर कदम पर उसकी बर्बादी की राह बिछाता हूँ।
जिनके जमीन पर रहने के ठिकाने नहीं,
वो आसमान पर अपना ठिकाने ढूंढने चले।
कोई क्या खाक करेगा हमारा मुकाबला,
हमसे मुकाबला करने वाले राख हो गए।
दुश्मन चिढ़ाने के लिए शायरी
हमसे लोग ऐसा जल रहे है ,
जैसा हम आपने बाप का नहीं ,
उनके बाप का खा रहे है |
हमसे लोग ऐसा जल रहे है ,
जैसा हम आपने बाप का नहीं ,
उनके बाप का खा रहे है |
हमसे लोग ऐसा जल रहे है ,
जैसा हम आपने बाप का नहीं ,
उनके बाप का खा रहे है |
हमसे लोग ऐसा जल रहे है ,
जैसा हम आपने बाप का नहीं ,
उनके बाप का खा रहे है |
तो दोस्तों आपको ये शायरिया कैसे लगी हमे निचे कमेंट करके जरूर बताये। और अगर आपका भी कोई दुश्मन है तो अपने अंदर की भावना को अपने ऐटिटूड के साथ इस शायरी का इस्तेमाल करके उनको व्हाट्सप्प, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भेजे।